इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें: शेयर बाजार में 1 दिन में मुनाफा कमाने की रणनीति

इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें शेयर बाजार में 1 दिन में मुनाफा कमाने की रणनीति

आज हम सीखेंगे कि इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें: शेयर बाजार में 1 दिन में मुनाफा कमाने की रणनीति  क्या है ?

इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार में एक दिन के भीतर शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, जिसमें ट्रेडर्स कम समय में मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। यह एक उच्च-जोखिम और उच्च-रिटर्न वाली रणनीति होती है, जिसमें बाजार की तेज़ी से बदलती चाल को समझना आवश्यक होता है।

इसमें सफल होने के लिए तकनीकी विश्लेषण, चार्ट पैटर्न, मूविंग एवरेज, सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों की जानकारी जरूरी होती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक चुनना महत्वपूर्ण होता है। उच्च वॉल्यूम और वोलैटिलिटी वाले शेयरों में ट्रेडिंग करना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि उनमें पर्याप्त मूवमेंट होती है।

ट्रेडर्स को स्टॉप-लॉस सेट करना चाहिए ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके। इसके अलावा, सही एंट्री और एग्जिट पॉइंट निर्धारित करना जरूरी होता है।

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मार्केट ट्रेंड को समझकर ट्रेड करना फायदेमंद होता है। सुबह के पहले घंटे और दोपहर के बाद के समय में वोलैटिलिटी अधिक होती है, जिससे मुनाफा कमाने के अधिक मौके मिलते हैं।

बिना रिसर्च और सही रणनीति के इंट्राडे ट्रेडिंग करना जोखिम भरा होता है |

इसलिए अनुशासन और योजना के साथ ट्रेडिंग करना जरूरी है। नई रणनीतियों को डेमो ट्रेडिंग के माध्यम से आजमाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट समय (सुबह vs दोपहर)

इंट्राडे ट्रेडिंग में समय का चुनाव सफलता की कुंजी है। भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से 3:30 बजे तक खुला रहता है, लेकिन सभी घंटे समान नहीं होते |

1. सुबह का समय (9:15 AM – 10:30 AM):

  • वोलैटिलिटी अधिक: गैप अप/डाउन के कारण प्राइस में तेज़ उतार चढ़ाव होता रहता है।
  • ग्लोबल मार्केट इम्पैक्ट: अमेरिकी और एशियाई बाजारों के ट्रेंड्स का असर होता है ।
  • बेस्ट फॉर: ब्रेकआउट ट्रेडर्स (जो प्राइस गैप का फायदा उठाते हैं)।
  • उदाहरण: Nifty सुबह 9:30 तक 1-2% स्विंग कर सकता है। लेकिन बाद बदल जाता है |

2. दोपहर का समय (1:30 PM – 3:00 PM):

  • ट्रेंड कन्फर्मेशन: बाजार दिशा तय कर चुका होता है।
  • न्यूज़-आधारित मूवमेंट: RBI या कॉर्पोरेट अपडेट्स का प्रभाव।
  • बेस्ट फॉर: रेंज बाउंड ट्रेडर्स (समर्थन/प्रतिरोध स्तरों पर ट्रेड)।

टिप:

  • एवॉइड 11 AM – 1 PM: लिक्विडिटी कम होती है और फालतू नोइज़ ज़्यादा होती है।
  • फिक्स्ड टाइम फ्रेम चुनें: जैसे सिर्फ़ सुबह 9:15–10:30 AM में ट्रेड करना।

स्कैल्पिंग vs स्विंग ट्रेडिंग

स्कैल्पिंग:

  • परिभाषा: 1-5 मिनट के चार्ट पर 10-20 प्वाइंट प्रॉफिट के लिए 10-20 ट्रेड पर डे करें ।
  • फायदे: छोटे लेकिन लगातार मुनाफ़ा।
  • टूल्स: 1-मिनट कैंडलस्टिक्स, Level-2 डेटा।
  • उदाहरण: Bank Nifty में 100 प्वाइंट का टार्गेट।

स्विंग ट्रेडिंग:

  • परिभाषा: 1 घंटे/दिन के चार्ट पर ट्रेड, 1-3 दिन तक होल्ड करना।
  • फायदे: कम टेंशन, बड़े टार्गेट।
  • टूल्स: मूविंग एवरेज, RSI।
  • उदाहरण: Reliance को 2400 पर खरीदकर 2500 पर बेचना।

तुलना:

पैरामीटर स्कैल्पिंग स्विंग ट्रेडिंग
समय मिनटों में घंटे/दिन
ट्रेड/दिन 10-20 1-3
रिस्क हाई (स्लिपेज का खतरा) मीडियम
स्ट्रेस लेवल बहुत हाई मीडियम

किसे चुनें?

  • अगर स्क्रीन के सामने 6+ घंटे बैठ सकते हैं: स्कैल्पिंग।
  • पार्ट-टाइम ट्रेडर्स के लिए: स्विंग ट्रेडिंग।

आज हम सीख रहें हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें: शेयर बाजार में 1 दिन में मुनाफा कमाने की रणनीति  क्या है ?

Nifty और Bank Nifty के ट्रेडिंग टिप्स

Nifty 50 ट्रेडिंग:

  • ट्रेंड फॉलो करें: 20-day MA से ऊपर होने पर केवल BUY।
  • ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट: सुबह 9:15–9:45 के बीच हाई या लो तोड़ने पर ट्रेड।
  • न्यूज़ ट्रिगर: GDP डेटा, कोरोनावायरस अपडेट्स का असर।

Bank Nifty ट्रेडिंग:

  • वोलैटिलिटी का फायदा: RBI पॉलिसी दिनों में 400-500 प्वाइंट स्विंग।
  • ऑप्शन स्ट्रैटेजी: स्ट्रैडल (Buy Call + Put) अगर बड़ी न्यूज़ आने वाली हो।
  • सपोर्ट/रेजिस्टेंस: 100-point levels (जैसे 38,500, 38,600) पर प्रतिक्रिया देखें।

टिप:

  • Nifty 50 में 1% स्टॉप लॉस, Bank Nifty में 2% स्टॉप लॉस रखें।

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कैंडलस्टिक पैटर्न्स की पूरी लिस्ट

कैंडलस्टिक पैटर्न्स प्राइस एक्शन की भावना दिखाते हैं।

यहाँ 5 ज़रूरी पैटर्न्स:

  1. डोजी (Doji):
    • आकृति: ओपन और क्लोज़ प्राइस लगभग समान।
    • संकेत: अनिश्चितता और  ट्रेंड रिवर्सल की सम्भावना।
  2. हैमर (Hammer):
    • आकृति: छोटा बॉडी, लंबी लोयर विक।
    • संकेत: डाउनट्रेंड के बाद बुलिश रिवर्सल।
  3. इनगल्फ़िंग (Engulfing):
    • बुलिश: पिछली लाल कैंडल को हरी कैंडल पूरी कवर करे।
    • बेयरिश: पिछली हरी कैंडल को लाल कैंडल पूरी कवर करे।
  4. शूटिंग स्टार (Shooting Star):
    • आकृति: लंबी अपर विक, डाउनट्रेंड की शुरुआत।
  5. मारूबोज़ू (Marubozu):
    • आकृति: बिना विक के लंबी कैंडल।
    • संकेत: मजबूत ट्रेंड जारी रहेगा।

प्रैक्टिकल यूज़:

  • कन्फर्मेशन: हैमर पैटर्न + RSI ओवरसोल्ड → BUY सिग्नल।

RSI और MACD का प्रैक्टिकल यूज़

RSI (Relative Strength Index):

  • सेटअप: 14-पीरियड, 30-70 ओवरसोल्ड या ओवरबॉट।
  • सिग्नल:
    • डाइवर्जेंस: प्राइस नया हाई, RSI नहीं → ट्रेंड कमज़ोर।
    • 30 से ऊपर क्रॉस: BUY।
  • उदाहरण: टाटा मोटर्स RSI 30 से ऊपर जाए → खरीदें।

MACD (Moving Average Convergence Divergence):

  • सेटअप: 12, 26, 9 EMA।
  • सिग्नल:
    • क्रॉसओवर: MACD लाइन सिग्नल लाइन से ऊपर जाए → BUY।
    • हिस्टोग्राम बढ़ना: मोमेंटम मजबूत।
  • उदाहरण: HDFC बैंक में MACD क्रॉसओवर + प्राइस 200 MA से ऊपर → स्ट्रॉन्ग बाय सिग्नल।

टिप:

  • RSI और MACD को एक साथ इस्तेमाल करें। जैसे, MACD बुलिश + RSI >50 → कन्फर्मेशन।

ट्रेडिंग साइकोलॉजी: भावनाओं पर कैसे काबू पाएं?

5 कॉमन इमोशनल मिस्टेक्स और समाधान:

  1. फ़ोमो (FOMO):
    • समस्या: दूसरों का मुनाफ़ा देखकर बिना प्लान के ट्रेड।
    • समाधान: प्री-डिफाइन्ड एंट्री/एग्ज़िट रूल्स बनाएँ।
  2. रिवेंज ट्रेडिंग:
    • समस्या: लॉस की भरपाई के लिए बड़ा रिस्क लेना।
    • समाधान: दिन में 2% से ज़्यादा लॉस होने पर ट्रेड बंद करें।
  3. ओवरकॉन्फिडेंस:
    • समस्या: लगातार 5 प्रॉफ़िटेबल ट्रेड्स के बाद रिस्क बढ़ाना।
    • समाधान: पोजीशन साइज़ हमेशा फिक्स रखें।
  4. पैनिक सेलिंग:
    • समस्या: छोटे डाउनट्रेंड में घबराकर स्टॉप लॉस हिट करना।
    • समाधान: सपोर्ट लेवल और ट्रेंडलाइन्स पर भरोसा करें।
  5. ग्रेड टू होल्ड:
    • समस्या: इंट्राडे ट्रेड को लॉस में होने पर डिलीवरी में बदलना।
    • समाधान: इंट्राडे को इंट्राडे ही रहने दें।

माइंडसेट टिप: ट्रेडिंग से पहले 11 मिनट मेडिटेशन जरूर करें।

ट्रेडिंग के लिए फ़्री चार्टिंग सॉफ़्टवेयर

  1. Upstox Pro Web:
    • फीचर्स: एडवांस्ड ऑर्डर टाइप्स (Bracket, Cover)।
  2. Zerodha Kite:
    • फायदे: फ्री में एक्चुरल ट्रेडिंग, इंटीग्रेटेड चार्ट्स।
    • इंडिकेटर्स: Heikin-Ashi, Supertrend।
  3. TradingView:
    • फीचर्स: कस्टम इंडिकेटर्स, मल्टी-टाइमफ्रेम चार्ट।
    • लिमिटेशन: प्रीमियम फीचर्स के लिए पेमेंट ज़रूरी।
  4. Investing.com:
    • फायदे: ग्लोबल मार्केट्स के लाइव डेटा।

टिप:

TradingView पर “Paper Trading” मोड से प्रैक्टिस करें।

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आज हम सीख रहें हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें: शेयर बाजार में 1 दिन में मुनाफा कमाने की रणनीति  क्या है ?

इंट्राडे ट्रेडिंग के 7 ज़रूरी डोज एंड डोंट्स

डोज:

  1. स्टॉप-लॉस लगाएँ: हर ट्रेड में 1-2% रिस्क लें।
  2. प्री-मार्केट एनालिसिस: अमेरिकी बाजार और SGX Nifty चेक करें।
  3. ट्रेड जर्नल बनाएँ: गलतियों से सीखें।

डोंट्स:

  1. ओवरट्रेड न करें: दिन में 3-5 ट्रेड्स से ज़्यादा नहीं।
  2. न्यूज़ चैनल्स पर भरोसा न करें: अपना एनालिसिस करें।
  3. लॉस को इग्नोर न करें: एक बड़ा लॉस पूरे हफ़्ते के प्रॉफिट को मिटा सकता है।

गोल्डन रूल:

“प्लान योर ट्रेड एंड ट्रेड योर प्लान”

FAQ

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है?

ट्रेडिंग में शेयर एक ही दिन में खरीदे और बेचे जाते हैं और  जिससे उसी दिन मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

 

इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता के लिए किन किन रणनीतियों की जरूरत होती है?

सफल होने के लिए तकनीकी विश्लेषण, चार्ट पैटर्न, मूविंग एवरेज, सपोर्ट और रेजिस्टेंस जैसे कारकों को समझना जरूरी होता है।

 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा समय आपके अनुसार कौन सा होता है?

सुबह 9:15 से 10:30 और दोपहर 1:30 से 3:00 के बीच वोलैटिलिटी अधिक होती है, जिससे ट्रेडिंग के अच्छे मौके मिलते हैं।

 

क्या इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत जोखिम होता है?

हां, यह उच्च-जोखिम वाली रणनीति है, लेकिन सही रिस्क मैनेजमेंट और स्टॉप-लॉस के उपयोग से नुकसान को कम किया जा सकता है।

 

इंट्राडे ट्रेडिंग में कौन से शेयर चुनने चाहिए?

उच्च वॉल्यूम और वोलैटिलिटी वाले शेयर अच्छे होते हैं क्योंकि उनमें अधिक प्राइस मूवमेंट होने की संभावना रहती है।

 

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड एक ही दिन में समाप्त हो जाता है, जबकि स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेड 1-3 दिन या उससे अधिक तक होल्ड किया जाता है।

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क्या इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कोई विशेष टूल्स होते हैं?

हां, ट्रेडिंग व्यू, ज़ेरोधा काइट, MACD, RSI, मूविंग एवरेज जैसे तकनीकी टूल्स इंट्राडे ट्रेडिंग में मददगार होते हैं।

 

क्या शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग सही है?

शुरुआती लोगों को पहले डेमो ट्रेडिंग और बेसिक एनालिसिस सीखना चाहिए, उसके बाद ही वास्तविक पैसे से ट्रेडिंग शुरू करनी चाहिए।

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इंट्राडे ट्रेडिंग में सबसे बड़ी गलतियां कौन-सी होती हैं?

बिना रणनीति के ट्रेड करना, स्टॉप-लॉस न लगाना, ओवरट्रेडिंग करना और भावनाओं में बहकर फैसले लेना प्रमुख गलतियां होती हैं।

 

इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे की गारंटी होती है?

नहीं, बाजार में हमेशा अनिश्चितता रहती है। सही रणनीति और रिस्क मैनेजमेंट के साथ मुनाफे की संभावना बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कोई गारंटी नहीं होती।

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