पी/बी अनुपात का अर्थ और गणना
पी/बी अनुपात का अर्थ और गणना
पी/बी अनुपात या प्राइस-टु-बुक रेशियो एक महत्वपूर्ण वित्तीय मानक है,
जो किसी भी कंपनी के बाजार मूल्य और उसके बुक वैल्यू के बीच संबंध को दर्शाता है।
यह उद्यम और घटकों के लिए उपयोगी है, क्योंकि यह किसी भी कंपनी के स्थिर मूल्य को उसके आंतरिक उद्यमों
और घटकों के आधार पर मूल्य निर्धारण में मदद करता है।
पी/बी अनुपात का अर्थ और गणना:
पी/बी अनुपात का पूरा नाम “प्राइस टू बुक रेशियो” है।
इसे फॉलो करते हुए सूत्र से गणना की जाती है:
यहां, बुक वैल्यू का मतलब कंपनी की कुल संपत्ति से उसकी कुल संपत्ति को जन्म के बाद बचाया गया मूल्य है।
यह प्रति शेयर बुक वैल्यू के संरक्षक के रूप में है,
जो कुल बुक वैल्यू को स्टॉक की संख्या से विभाजित करके प्राप्त करता है।
पी/बी अनुपात का महत्व:
आकलन का निर्धारण:
यह अनुपात बताता है कि कोई भी कंपनी अपनी पुस्तक के मूल्य की तुलना में अधिक मूल्य या कम है।
यदि पी/बी अनुपात 1 से कम है, तो इसका मतलब है कि कंपनी का स्टॉक उसकी बुक वैल्यू से कम कीमत पर व्यापार कर रहा है।
मूल्य के लिए उपयोगी:
वे निवेशक जो निवेश करते हैं और किसी स्टॉक को अपने वास्तविक मूल्य से कम पर खरीदना चाहते हैं,
उनके लिए यह अनुपातिक मूल्य होता है।
कंपनियों की तुलना:
पी/बी अनुपात विभिन्न कंपनियों की कंपनियों के बीच तुलना करने में सहायक है।
हालाँकि, इसके ऑटोमोबाइल उद्योग विशेष के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
पी/बी अनुपात को समझने के लिए एक उदाहरण:
मान लीजिए कि किसी कंपनी की बुक वैल्यू प्रति शेयर 50 रुपये है और उसका स्थिर शेयर बाजार मूल्य 100 रुपये है।
इस स्थिति में पी/बी अनुपात होगा:
इसका मतलब यह है कि बिजनेसमैन कंपनी के बुक वैल्यू का दो गुना भुगतान कर रहे हैं।
“पी/बी अनुपात का अर्थ और गणना”
पी/बी अनुपात की सीमाएँ:
श्रेणी का सही आकलन नहीं:
बुक वैल्यू में परिसंपत्ति का सही आकलन नहीं होता है।
उद्योग की प्रकृति:
कुछ उद्योग, जैसे कि तकनीकी क्षेत्र, में पी/बी अनुपात की कमी कम हो सकती है,
क्योंकि इन कंपनियों की संपत्ति में समानता होती है।
मूल्य का गलत आकलन:
केवल पी/बी अनुपात के आधार पर निवेश का निर्णय नहीं लिया जाता है।
इसे अन्य टुकड़ों के साथ समग्र रूप से देखा जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
पी/बी रेशियो एक महत्वपूर्ण वित्तीय मानक है, लेकिन इसका उपयोग समझदारी और सावधानी के साथ किया जाना चाहिए।
अन्योन्याश्रय को इसके साथ-साथ अन्य अनुपातों, जैसे पी/ई अनुपात, डी/ई अनुपात आदि का भी विश्लेषण करना चाहिए।
किसी भी निवेश निर्णय से पहले, कंपनी की वित्तीय स्थिति, उद्योग की प्रकृति, और बाजार की स्थिति का समग्र आकलन आवश्यक है।
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