शेयर बाजार में गिरावट का फायदा: कैसे करें बेस्ट स्टॉक्स की खरीदारी?

आज हम सीख रहें हैं शेयर बाजार में गिरावट का फायदा: कैसे करें बेस्ट स्टॉक्स की खरीदारी?
शेयर बाजार में गिरावट कई निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकती है लेकिन यह एक अच्छा अवसर भी साबित हो सकता है।
जब बाजार में गिरावट आती है तो कई अच्छी कंपनियों के शेयर कम कीमत पर उपलब्ध हो जाते हैं | जिससे निवेशकों को उन्हें सस्ते में खरीदने का मौका मिलता है।
हालांकि सही स्टॉक्स की पहचान करना महत्वपूर्ण होता है ताकि निवेश से अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सके।
गिरते बाजार में सबसे पहले मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए। जिन कंपनियों का बैलेंस शीट मजबूत हो, जिनका बिजनेस मॉडल टिकाऊ हो |
जिनकी डिमांड भविष्य में बनी रहने वाली हो, वे गिरावट के दौरान अच्छे निवेश विकल्प हो सकते हैं। ब्लू-चिप कंपनियां जैसे कि बैंकिंग, आईटी, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर की मजबूत कंपनियां, बाजार में गिरावट के समय सुरक्षित निवेश साबित हो सकती हैं।
लॉन्ग-टर्म सोच के साथ निवेश करना एक अच्छा तरीका है। जब बाजार नीचे जाता है तो घबराने के बजाय यह देखना चाहिए कि क्या किसी स्टॉक की कीमत उसकी वास्तविक वैल्यू से कम हो गई है।
वॉरेन बफेट जैसे निवेशक हमेशा गिरते बाजार में निवेश करने की सलाह देते हैं क्योंकि वे इसे “सेल पर स्टॉक्स खरीदने” जैसा मानते हैं।
डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग रणनीति अपनाकर भी निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेशक नियमित अंतराल पर निवेश करता है |
जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना औसत कीमत पर स्टॉक्स खरीदने का मौका मिलता है।
हमें गिरावट के दौरान घबराने के बजाय शोध करके सही स्टॉक्स में निवेश करना बेहतर होता है। सही अवसर का फायदा उठाकर लॉन्ग-टर्म में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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मार्केट क्रैश के समय 5 स्मार्ट स्टेप्स
बाजार गिरावट निवेशकों के लिए “सैल” की तरह होता है। यहाँ 5 स्टेप्स जो आपको समझदारी से काम लेने में मदद करेंगे:
- पैनिक सेलिंग से बचें:
- 2008 के क्रैश में जो निवेशक डरकर बाहर निकले उन्होंने 2009-2010 में 150%+ रिटर्न मिस किया।
- टिप: गिरावट को “डिस्काउंट शॉपिंग” का मौका समझें।
- कैश रिज़र्व बनाएँ:
- पोर्टफोलियो का 10-20% कैश रखें ताकि सस्ते स्टॉक्स खरीद सकें।
- फंडामेंटल्स रीचेक करें:
- कंपनी का डेट, रेवेन्यू ग्रोथ और मैनेजमेंट स्टेबिलिटी चेक करें।
- उदाहरण: अगर TCS का डेट-टू-इक्विटी 0.1 है और प्रॉफिट 15% बढ़ रहा है → स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल।
- डायवर्सिफाई करें:
- गिरावट के समय अलग-अलग सेक्टर्स (IT, FMCG, बैंकिंग) में निवेश करें।
- स्टॉप-लॉस अपडेट करें:
- पोर्टफोलियो के हर स्टॉक का सपोर्ट लेवल चेक करके स्टॉप-लॉस सेट करें।
ब्लू-चिप स्टॉक्स में डिस्काउंट ऑफर
ब्लू-चिप स्टॉक्स बड़ी स्थिर कंपनियाँ होती हैं जो मार्केट क्रैश में भी डिस्काउंट पर मिलती हैं।
2024 की टॉप पिक्स:
- Reliance Industries:
- 52-वीक लो: ₹2,100 (मौजूदा कीमत ₹2,600 → 19% डिस्काउंट)
- फंडामेंटल: Jio और रिटेल बिज़नेस में ग्रोथ।
- HDFC Bank:
- 52-वीक लो: ₹1,400 (मौजूदा ₹1,650 → 15% डिस्काउंट)
- फायदा: NPA रेश्यो 1.2% (इंडस्ट्री औसत से कम)।
- Infosys:
- PE रेश्यो: 23 (5-साल औसत 25 से कम) → अंडरवैल्यूड।
कैसे खरीदें?
- SIP स्टाइल: हर 10% गिरावट पर लॉट्स खरीदें।
- टार्गेट: 3-5 साल के लिए होल्ड करें।
आज हम सीख रहें हैं शेयर बाजार में गिरावट का फायदा: कैसे करें बेस्ट स्टॉक्स की खरीदारी?
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डीप वैल्युएशन वाले सेक्टर्स 2025
2024 में ये सेक्टर्स अंडरवैल्यूड हैं और रिकवरी की उम्मीद है:
- बैंकिंग:
- कारण: NPA घटने और क्रेडिट ग्रोथ (15% YoY) से मजबूती।
- स्टॉक्स: SBI, ICICI Bank (PE 18 vs इंडस्ट्री 22)
- IT सेवाएँ:
- कारण: रुपया कमजोर होने से एक्सपोर्ट प्रॉफिट बढ़ेगा।
- स्टॉक्स: TCS, Wipro (EV/EBITDA 20 vs 5-साल औसत 25)
- इंफ्रास्ट्रक्चर:
- कारण: सरकारी खर्च (₹10 लाख करोड़ बजट 2024)
- स्टॉक्स: L&T, IRCTC।
वैल्युएशन मेट्रिक्स:
- PEG रेश्यो <1: अंडरवैल्यूड।
- डिविडेंड यील्ड >3%: स्थिर कैशफ्लो का संकेत।
कैसे पहचानें स्टॉक का सही सपोर्ट लेवल?
सपोर्ट लेवल वह कीमत है जहाँ खरीदार आकर स्टॉक को गिरने से रोकते हैं।
इसे पहचानने के तरीके:
- हिस्टोरिकल प्राइस डेटा:
- चार्ट पर पिछले लो लेवल्स को कनेक्ट करें।
- उदाहरण: HDFC Bank ने पिछले 5 बार ₹1,400 पर सपोर्ट दिखाया।
- मूविंग एवरेज (MA):
- 200-day MA को स्ट्रॉन्ग सपोर्ट माना जाता है।
- उदाहरण: Reliance का 200-DMA ₹2,300 है।
- ट्रेंडलाइन्स:
- चार्ट पर डाउनट्रेंड के लो को कनेक्ट करें।
प्रैक्टिकल टिप:
- TradingView पर “Horizontal Line” टूल से सपोर्ट मार्क करें।
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लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए अवसर
गिरावट लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए “गोल्डन चांस” है:
- क्वालिटी स्टॉक्स सस्ते में:
- उदाहरण: 2020 के COVID क्रैश में Asian Paints ₹1,200 से ₹3,500 (190% रिटर्न)।
- डिविडेंड यील्ड बढ़ता है:
- SBI ने 2020 में 6% डिविडेंड यील्ड दिया (सामान्य समय में 2%)
- सेक्टर रोटेशन:
- गिरावट में अंडरपरफॉर्मिंग सेक्टर्स (जैसे, मेटल) अगले बुल रन में लीड करते हैं।
स्ट्रैटेजी:
- “बाय एंड फोरगेट” अपनाएँ।
- हर तिमाही में फंडामेंटल्स रीचेक करें।
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आज हम सीख रहें हैं शेयर बाजार में गिरावट का फायदा: कैसे करें बेस्ट स्टॉक्स की खरीदारी?
SIP इन्वेस्टमेंट बढ़ाने का सही समय
SIP बढ़ाने से आप गिरावट का पूरा फायदा उठा सकते हैं:
कैसे काम करता है?
- ₹10,000/माह SIP को 20% गिरावट में ₹12,000 कर दें → अधिक यूनिट्स खरीदें।
- उदाहरण: 2020 में 30% गिरावट के दौरान SIP बढ़ाने वालों को 2021-23 में 25% CAGR मिला।
टिप्स:
- गोल्डन रूल: गिरावट के हर 10% पर SIP 20% बढ़ाएँ।
- प्लेटफॉर्म: Axis MF, ICICI Pru का SIP स्टेप-अप फीचर यूज़ करें।
इकोनॉमिक डाउनटर्न से जुड़े मिथक
1: “मार्केट कभी रिकवर नहीं करेगा”
- सच्चाई: Nifty ने 2008 के क्रैश के बाद 4 साल में नया हाई बनाया।
2: “सभी स्टॉक्स खराब होते हैं”
- सच्चाई: 2020 में जब Yes Bank 90% गिरा, तब Divi’s Lab 120% चढ़ा।
3: “कैश है किंग”
- सच्चाई: इन्फ्लेशन कैश की वैल्यू खा जाता है। बेहतर है क्वालिटी स्टॉक्स खरीदें।
4: “रेकमेंडेशन पर भरोसा करें”
- सच्चाई: ब्रोकरेज हाउस अक्सर शॉर्ट-टर्म टार्गेट देते हैं, लॉन्ग-टर्म नहीं।
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रिकवरी के बाद रिटर्न के उदाहरण
- 2008 ग्लोबल फाइनेंशियल क्रैश:
- Nifty 2008 में 4,500 से 2,500 गिरा → 2010 तक 6,300 (152% रिटर्न)
- स्टॉक: Reliance Industries ₹1,000 से ₹1,800 (80%)।
- 2020 COVID क्रैश:
- Nifty मार्च 2020 में 7,600 → सितंबर 2020 में 11,700 (54% रिटर्न)
- स्टॉक: Adani Enterprises ₹200 से ₹3,000 (1,400%)
- 2022 रूस-यूक्रेन वॉर:
- Nifty 15,200 से 18,100 (19% रिटर्न 6 महीने में)
- स्टॉक: Tata Steel ₹900 से ₹1,300 (44%)
गोल्डन रूल: “बाजार हमेशा रिकवर करता है, बस धैर्य रखें”
आज हम सीख रहें हैं शेयर बाजार में गिरावट का फायदा: कैसे करें बेस्ट स्टॉक्स की खरीदारी?
FAQ
शेयर बाजार में गिरावट क्यों आती है?
आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों में बदलाव, वैश्विक घटनाओं या निवेशकों के डर के कारण बाजार में गिरावट आ सकती है।
गिरते बाजार में निवेश करना सही है या नहीं?
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं तो गिरावट के दौरान निवेश करना सही हो सकता है क्योंकि इससे आपको अच्छे स्टॉक्स सस्ते में खरीदने का मौका मिलता है।
गिरावट के समय किन सेक्टरों में निवेश करना चाहिए?
बैंकिंग, आईटी, एफएमसीजी और फार्मा जैसे सेक्टर आमतौर पर मजबूत प्रदर्शन करते हैं और रिकवरी के समय अच्छा रिटर्न देते हैं।
शेयर बाजार में गिरावट के दौरान कौन से स्टॉक्स खरीदने चाहिए?
ब्लू-चिप कंपनियां जैसे Reliance Industries, HDFC Bank, TCS और Infosys जैसी कंपनियां मजबूत फंडामेंटल के कारण बेहतर निवेश विकल्प हो सकती हैं।
क्या SIP निवेशकों को गिरावट के दौरान निवेश बढ़ाना चाहिए?
हां गिरावट के समय SIP बढ़ाने से आपको अधिक यूनिट्स सस्ते में मिल सकती हैं | जिससे लॉन्ग-टर्म में बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
क्या बाजार क्रैश के दौरान स्टॉक्स बेचना सही फैसला है?
नहीं अगर स्टॉक के फंडामेंटल्स मजबूत हैं तो घबराकर बेचना नुकसान दायक हो सकता है।
कैसे पता करें कि कोई स्टॉक गिरावट के बाद रिकवर करेगा?
कंपनी के बैलेंस शीट, प्रॉफिट ग्रोथ और इंडस्ट्री ट्रेंड को देखकर स्टॉक के रिकवरी की संभावना का आकलन किया जा सकता है।
मार्केट क्रैश के दौरान स्टॉप-लॉस लगाना जरूरी है?
हां स्टॉप-लॉस लगाने से आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं | खासकर अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं।
क्या हर गिरावट के बाद बाजार रिकवर करता है?
ऐतिहासिक डेटा के अनुसार हर बड़ी गिरावट के बाद बाजार ने रिकवरी की है और नए उच्च स्तर बनाए हैं।
कैसे जानें कि कोई स्टॉक अंडरवैल्यूड है?
पी/ई रेश्यो, पी/बी रेश्यो और PEG रेश्यो जैसे वैल्युएशन मेट्रिक्स का विश्लेषण करके स्टॉक की वास्तविक कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गिरावट के समय छोटे निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
SIP जारी रखें मजबूत कंपनियों में निवेश करें और लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव रखें।
क्या डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग रणनीति गिरावट के समय मदद करती है?
हां इससे बाजार के उतार-चढ़ाव को संतुलित किया जा सकता है और निवेश लागत को कम किया जा सकता है।
कौन से स्टॉक्स अधिक डिस्काउंट पर मिल सकते हैं?
बड़ी कंपनियों के ब्लू-चिप स्टॉक्स अक्सर गिरावट के दौरान आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध होते हैं।
कैसे पहचानें कि शेयर बाजार में गिरावट खत्म हो रही है?
जब वॉल्यूम बढ़ता है, मार्केट इंडेक्स सपोर्ट लेवल होल्ड करता है और कंपनियों की आय में सुधार दिखता है तो बाजार रिकवरी के संकेत दे सकता है।
क्या बाजार में गिरावट के दौरान इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए?
नहीं, वोलैटिलिटी ज्यादा होती है | जिससे शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग जोखिम भरी हो सकती है।
गिरते बाजार में डायवर्सिफिकेशन क्यों जरूरी है?
अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश करने से जोखिम कम होता है और लॉन्ग-टर्म में बेहतर स्थिरता मिलती है।
कैसे पता करें कि कोई स्टॉक लॉन्ग-टर्म के लिए सही है?
कंपनी के बिजनेस मॉडल, वित्तीय प्रदर्शन और इंडस्ट्री ग्रोथ की संभावनाओं को देखकर फैसला लिया जा सकता है।
मार्केट गिरावट में कौन-से स्टॉक्स से बचना चाहिए?
ज्यादा कर्ज वाली कंपनियां, कमजोर फंडामेंटल वाली स्मॉलकैप कंपनियां और अत्यधिक वोलाटाइल स्टॉक्स।
क्या निवेशकों को गिरावट के दौरान गोल्ड और बॉन्ड्स में निवेश करना चाहिए?
हां गोल्ड और बॉन्ड्स मार्केट अनिश्चितता के समय पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।
क्या शेयर बाजार की गिरावट लंबे समय तक रह सकती है?
यह कई कारकों पर निर्भर करता है लेकिन ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि हर गिरावट के बाद बाजार रिकवर होता है।
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