शेयर बाजार की परिभाषाएं (Definitions Of Stock Market)

शेयर बाजार की महत्वपूर्ण परिभाषाएं

आज हमारे इस लेख में हम शेयर बाजार की महत्तवपूर्ण  परिभाषाएं पढ़ेंगे |

शेयर(Share):

एक कंपनी का एक छोटा-सा हिस्सा. जब आप एक शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं |

स्टॉक(Stock):

शेयर और स्टॉक समानार्थी हैं |

लार्ज-कैप स्टॉक:-

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस)
इंफोसिस (INFY)
एचडीएफसी बैंक
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल)
भारती एयरटेल

मिड-कैप स्टॉक:-

अदानी ग्रुप
बजाज फाइनेंस
हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल)
टेक महिंद्रा
मारुति सुजुकी

स्मॉल-कैप स्टॉक:-

एल एंड टी
अल्ट्राटेक सीमेंट
एशियन पेंट्स
सन फार्मा
कोटक महिंद्रा बैंक

ब्रोकर(Broker):

एक व्यक्ति या कंपनी जो शेयरों की खरीद और बिक्री में मध्यस्थता करती है |

UPSTOX:-

सबसे अच्छा और सस्ता ब्रोकर है ,जो कम से कम पैसे लेकर ज्यादा से ज्यादा ट्रेडिंग करवाता है|

इसमे अकाउंट खोलने का लिंक निमन्लिखित है:-

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इंडेक्स(Index):

एक शेयरों का समूह जिसका उपयोग बाजार की गतिविधि को मापने के लिए किया जाता है |

इंडेक्स निम्न प्रकार के होते हैं:-

बैलेंस्ड इंडेक्स(Balanced Index):

ये इंडेक्स विभिन्न उद्योगों और सेक्टरों की कंपनियों को शामिल करते हैं। इनका उपयोग बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है। India में  BSE Sensex और Nifty 50 दो बैलेंस्ड इंडेक्स हैं।

सेक्टर इंडेक्स(Sector Index):

ये इंडेक्स विशेष उद्योग या सेक्टर की कंपनियों को शामिल करते हैं। इनका उपयोग किसी विशेष उद्योग या सेक्टर के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है। India में   BSE IT, और BSE FMCG कुछ प्रमुख सेक्टर इंडेक्स हैं।

कैपिटलाइजेशन इंडेक्स(Capitalization Index):

ये इंडेक्स कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर बनाए जाते हैं। इनका उपयोग बाजार की गतिविधियों को मापने के लिए किया जाता है। India में   BSE 500, Nifty Next 50, और Nifty Midcap 50 कुछ प्रमुख कैपिटलाइजेशन इंडेक्स हैं।

इंडेक्स फंड्स(Index funds):

ये किसी इंडेक्स के प्रदर्शन का अनुसरण करने के लिए बनाए  गए हैं। इनका उपयोग निवेशकों द्वारा बाजार के प्रदर्शन से जुड़ने के लिए किया जाता है। India में   कई इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं जो BSE Sensex, Nifty 50, और अन्य इंडेक्स का अनुसरण करते हैं।

लाभांश(Dividend):

एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को लाभ का एक हिस्सा वितरित करना |

शेयर बाजार में लाभांश दो प्रकार के होते हैं :-

नकद लाभांश(Cash Dividends):

यह सबसे सामान्य प्रकार का लाभांश है। कंपनी अपने शेयरधारकों को नकद में लाभांश का भुगतान करती है। लाभांश की राशि प्रति शेयर के आधार पर निर्धारित की जाती है।

स्टॉक लाभांश(Stock Dividend):

यह एक दूसरे  प्रकार का लाभांश है, जिसमें कंपनी अपने शेयरधारकों को कुछ अतिरिक्त शेयर जारी करती है। लाभांश की राशि प्रति शेयर के आधार पर निर्धारित की जाती है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन(Market Capitalization):

एक कंपनी के शेयरों की कुल कीमत |

बोलियां(Bids):

एक शेयर की खरीद और बिक्री के प्रस्ताव |

ऑर्डर(Order):

एक निर्देश जो एक ब्रोकर को एक निश्चित कीमत पर एक शेयर खरीदने या बेचने के लिए कहता है |

शेयर खरीदना(Buying shares):

एक शेयर को एक दूसरे व्यक्ति से खरीदना |

शेयर बेचना(Selling Shares):

एक शेयर को दूसरे व्यक्ति को बेचना |

मौलिक विश्लेषण(Fundamental Analysis):

एक कंपनी की वित्तीय स्थिति और मौलिक विश्लेषण करने की प्रक्रिया।

तकनीकी विश्लेषण(Technical Analysis):

शेयर की कीमत के इतिहास और पैटर्न का विश्लेषण करने की प्रक्रिया।

निवेश रणनीति(Investment Strategy):

एक निवेशक द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाने वाली रणनीति।

जोखिम(Risk):

निवेश के साथ हुआ नुकसान |

जोखिम- लाभ अनुपात(Risk-Reward Ratio):

एक निवेश के जोखिम और लाभ के बीच का अनुपात।

मूल्य निवेश(Value Investing):

मूल्य निवेशक उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी कीमतें उनके वास्तविक मूल्य से कम हैं |

विकास निवेश(Growth Investing):

विकास निवेशक उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनमें विकास की संभावना है |

आय निवेश(Income Investing):

आय निवेशक उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो नियमित रूप से लाभांश का भुगतान करती हैं |

अल्फा(Alpha):

अल्फा एक माप है जो बताता है कि एक स्टॉक , बाजार की तुलना में कितना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है |

बीटा(Beta):

बीटा एक स्टॉक की जोखिम को मापता है।

आरओई(ROE):

Return on Equity (ROE) एक वित्तीय अनुपात है, जो कंपनी की Equity पर वापसी को मापता है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कंपनी अपनी पूंजी का कितना कुशलता से उपयोग कर रही है।

आरओसीई(ROCE):

Return on Capital Employed होता है। यह एक वित्तीय अनुपात है जो कंपनी की नियोजित पूंजी पर वापसी को मापता है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कंपनी अपनी पूंजी का कितना योग्यता से उपयोग कर रही है।

चार्ट(Chart):

चार्ट एक ग्राफ है जो शेयर की कीमत या अन्य मापदंडों के समय के साथ परिवर्तन को दर्शाता है। चार्ट का उपयोग निवेशकों द्वारा शेयरों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने लिए किया जाता है। भविष्य के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है ।

शेयर बाजार में निम्न प्रकार के चार्ट होते हैं:-

लाइन चार्ट(Line Chart):

यह सबसे सरल चार्ट है, जो केवल शेयर की कीमत के समय के साथ परिवर्तन को दर्शाता है।

बार चार्ट(Bar Chart):

यह चार्ट शेयर की कीमत, मात्रा, और ओपन, हाई, लो, और क्लोज Prices को दर्शाता है।

कैंडलस्टिक चार्ट(Candlestick chart):

यह बार चार्ट के समान है, लेकिन यह शेयर की कीमत के उतार-चढ़ाव को अधिक विस्तार से दर्शाता है।

ओसीलेटर चार्ट(Oscillator Chart):

यह चार्ट शेयर की कीमत के वर्तमान मूल्य की तुलना शेयर के अतीत के मूल्यों से करता है।

शेयर बाजार की परिभाषाओं में आज हम  स्टॉक,अल्फा,चार्ट, फेस वैल्यू , गामा , आरओसीई, आरओई की परिभाषाएं सीख रहे हैं|

बुक वैल्यू (Book Value):

एक कंपनी की कुल परिसंपत्तियों (Assets) और उसकी कुल देनदारियों (Liabilities) के बीच का अंतर बुक वैल्यू है। यह एक कंपनी की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है ,और इसे शेयरधारकों की इक्विटी (Equity) के रूप में भी जाना जाता है।

बुक वैल्यू निवेशकों के लिए बहुत तरीकों से उपयोगी हो सकती है।

इसे निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है:-

शेयरों की कीमत का मूल्यांकन करना :

बुक वैल्यू का उपयोग शेयरों की कीमत का मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। यदि एक शेयर की कीमत उसकी बुक वैल्यू से अधिक है, तो यह एक महंगा शेयर माना जाता है। यदि एक शेयर की कीमत उसकी बुक वैल्यू से कम है, तो यह एक सस्ता शेयर माना जाता है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन :

बुक वैल्यू का उपयोग कंपनी की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। एक उच्च बुक वैल्यू वाली कंपनी  एक मजबूत वित्तीय स्थिति में होती है।

निवेश निर्णय लेना :

बुक वैल्यू का उपयोग निवेश निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है। निवेशक उन शेयरों में निवेश करना चाहते हैं जिनकी बुक वैल्यू उन कंपनियों की तुलना में अधिक है जो समान उद्योग में हैं।

फेस वैल्यू (Face Value):

एक शेयर की अंकित मूल्य फेस वैल्यू होती है। यह एक शेयर की मूल कीमत है जिस पर इसे जारी किया गया था। फेस वैल्यू आमतौर पर ₹1, ₹5, ₹10 होती है।

फेस वैल्यू का उपयोग निम्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है:-

लाभांश की गणना करना :

शेयर की फेस वैल्यू के आधार पर लाभांश की गणना की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि एक शेयर की फेस वैल्यू ₹100 है और कंपनी ₹50 प्रति शेयर लाभांश का भुगतान करती है, तो प्रत्येक शेयरधारक को ₹5 का लाभांश मिलेगा।

स्क्रिप्ट डिवीजन की गणना करना :

स्क्रिप्ट डिवीजन एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर जारी करने की प्रक्रिया है। स्क्रिप्ट डिवीजन आमतौर पर शेयर की फेस वैल्यू के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक कंपनी 1:2 स्क्रिप्ट डिवीजन करती है, तो प्रत्येक शेयरधारक के पास प्रत्येक शेयर के लिए दो अतिरिक्त शेयर होंगे।

शेयरों के मूल्य का निर्धारण करना :

फेस वैल्यू का उपयोग शेयरों के मूल्य का निर्धारण करने के लिए किया जा सकता है। फेस वैल्यू शेयरों के वास्तविक मूल्य का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। शेयरों का वास्तविक मूल्य बाजार की मांग और आपूर्ति द्वारा निर्धारित किया जाता है।

शेयर बाजार की परिभाषाओं में आज हम  स्टॉक,अल्फा,चार्ट, फेस वैल्यू , गामा , आरओसीई, आरओई की परिभाषाएं सीख रहे हैं|

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गामा (Gamma):

यह एक ऑप्शन के डेल्टा के बदलाव की दर को मापता है। डेल्टा एक ऑप्शन के मूल्य में बदलाव की दर को मापता है ,जो शेयर की कीमत में एक एकल-बिंदु परिवर्तन के कारण होता है।

गामा का उपयोग निवेशकों द्वारा निम्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है:-

ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति विकसित करना :

गामा का उपयोग निवेशकों द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति विकसित करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण – एक निवेशक  ऐसे ऑप्शन को खरीदना चाहता है जिसका गामा उच्च हो, यदि वह स्टॉक की कीमत में अचानक वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।

ऑप्शन प्रीमियम का मूल्यांकन करना :

गामा का उपयोग ऑप्शन प्रीमियम का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण – एक निवेशक एक ऐसे ऑप्शन का प्रीमियम कम लगा सकता है , जिसका गामा उच्च हो।

ऑप्शन जोखिम का प्रबंधन करना :

गामा का उपयोग ऑप्शन जोखिम का प्रबंधन करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण – एक निवेशक एक ऐसे ऑप्शन को खरीदना चाहता है जिसका गामा कम हो, यदि वह ऑप्शन जोखिम को कम करना चाहता है।

आज हमारे इस लेख में हम शेयर बाजार की महत्तवपूर्ण  परिभाषाएं पढ़ चुके हैं | अगर इसमें किसी की भी समस्या आती है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं |

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